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About Shani Dev

शनि देव को हिन्दू धर्म में न्याय का देवता माना जाता है। कई लोग इन्हें कठोर मानते हैं क्योंकि इनके प्रकोप से बड़े से बड़ा धनवान भी दरिद्र बन जाता है। परंतु ऐसा सही नहीं है। दरअसल शनि देव न्याय के अधिकारी है और उनका न्याय निष्पक्ष होता है। निष्पक्ष न्याय में दंड भी मिलता है।

About Shani Dev


शनि देव का जन्म (Birth Story of Shani Dev)

शनि देव के जीवन से जुड़ी कई प्रमुख बातें हैं जिनमें उनका बचपन सबसे प्रमुख है। हिन्दू मान्यतानुसार शनि देव का जन्म सूर्यदेव की दूसरी पत्नी छाया के गर्भ से हुआ था। जिस समय शनि देव गर्भ में थे माता छाया शिवजी की पूजा में लीन थीं। उन्हें अपने खाने-पीने की भी सुध नहीं होती थी। इस कारण शनि देव का वर्ण श्याम यानि काला हो गया।

शनि देव का रंग देख सूर्यदेव क्रोधित हो उठे और अपनी पत्नी छाया पर आरोप लगाया कि शनि देव उनके पुत्र नहीं हैं। तभी से शनि देव का अपने पिता से बैर हो गया। इसके बाद सूर्य की तरह शक्तियां और स्थान पाने के लिए शनि देव ने शिवजी की आराधना की और नवग्रहों में स्थान पाया।

शनि देव के मंत्र (Shani Dev Mantra)

माना जाता है कि "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को शनि की महादशा और साड़ेसाती प्रकोप से राहत मिलती है।

शनि देव के नाम ( Name of Shani Dev)

  • कोणस्थ
  • पिंगल
  • बभ्रु
  • रौद्रान्तक
  • यम
  • सौरि
  • शनैश्चर
  • मंद
  • पिप्पलाश्रय


शनि देव का परिवार (Family of Shani Dev)

हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार शनि देव सूर्य के पुत्र हैं तथा इनकी माता का नाम छाया है। माना जाता है कि जन्म से ही काला रंग होने के कारण इनके पिता ने इन्हें नहीं अपनाया था। इसलिए शनि देव अपने पिता को अपना शत्रु मानते हैं।

शनि देव से जुड़ी महत्त्वपूर्ण बातें (Facts of Shani Dev)

शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है।
शनि देव का वाहन गिद्ध, कुत्ता, भैंस आदि हैं।
शनिवार को तेल, काले तिल, काले कपड़े आदि दान करने से शनि देव प्रसन्न रहते हैं।
मान्यता है कि शनि देव की अपने पिता सूर्यदेव से अच्छे रिश्ते नहीं हैं।
एक कथानुसार हनुमान जी ने शनि देव को रावण की कैद से मुक्त कराया था। तभी से हनुमान जी की आराधना करने वाले जातकों को शनि देव नहीं सताते।
शनि देव की गति मंद यानि बेहद धीमी है। इसी कारण एक राशि में वह करीब साढ़ेसात साल तक रहते हैं। 

शनिदेव को प्रसन्न करने उपाय (Remedies for Shani Dasha)

शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित होता है। इस दिन तेल चढ़ाने, पीपल पर जल देने, कुत्ते को भोजन कराने आदि से शनि देव प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा इस दिन काले रंग की वस्तु दान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।

शनि देव के मुख्य मंदिर (Famous Temples of Shani Dev)

  • शनि शिंगणापुर
  • शनिश्चरा मंदिर( ग्वालियर)
  • शनि मंदिर (इंदौर)
  • प्राचीन शनि मंदिर (मुरैना)


शनि जयंती (Shani Jayanti)

शनि जयंती का पावन पर्व हिन्दू धर्म का विशेष पर्व माना जाता है। इस दिन को शनि देव के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। शनि जयंती का पर्व उन लोगों के लिए बहुत महत्त्व रखता है जो लोग शनि के प्रकोप से पीड़ित होते हैं। मान्यता है कि इस दिन पूरे श्रद्धाभाव से शनि देव की पूजा करके दान करने से शनि देव प्रसन्न हो जाते हैं।